हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कौन-सा अहम फैसला लिया?

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विशेष राहत प्रदान की है, जिससे मार्च 2025 की वार्षिक परीक्षा में CBSE से HP बोर्ड में आए विद्यार्थियों को गणित विषय में कम अंक होने पर भी पास माना जाएगा. यह निर्णय विशेष परिस्थितियों के तहत लिया गया है, जो सिर्फ शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए लागू होगा. अगले सत्र से यह सुविधा समाप्त हो जाएगी.

क्या हैं इस फैसले के पीछे का कारण?

बात की जाए CBSE की तो इसमें गणित विषय का लेवल बेसिक होता है, जबकि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की बात करें तो Maths का लेवल थोड़ा कठिन होता है. ऐसे में विद्यार्थियों को समस्या आ सकती है. कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने 11वीं और 12वीं कक्षा में गणित विषय का चयन किया है. इसलिए बोर्ड ने फैसला लिया है कि CBSE से HP बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को राहत दी जाएगी.

HPBOSE Board: इस फैसले का उद्देश्य क्या है?

इस फैसले का उद्देश्य उन विद्यार्थियों को शैक्षिक अवसर प्रदान करना है जिनकी परीक्षा परिणाम कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई थी। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का यह निर्णय छात्रों को अतिरिक्त अवसर देने के लिए है, ताकि वे अपनी शिक्षा में पिछड़ने से बच सकें और अपने शैक्षिक लक्ष्य को पूरा कर सकें। इस कदम से छात्रों को अपनी शैक्षिक यात्रा में पुनः समर्पित होने का मौका मिलेगा, जो महामारी के कारण बाधित हो गई थी।

इस फैसले के तहत छात्रों को क्या लाभ मिलेगा?

इस फैसले के तहत छात्रों को आवश्यक अवसर प्रदान किए जाएंगे ताकि वे फिर से परीक्षा दे सकें। कोविड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों की परीक्षा या शिक्षा प्रभावित हुई थी, उन्हें अब अतिरिक्त अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी शैक्षिक यात्रा में किसी भी पिछड़े हुए विषय को फिर से पूरा कर सकें। यह कदम उन्हें शैक्षिक नुकसान से बचने और समान अवसर पाने का अवसर प्रदान करेगा।

क्या बोले HPBOSE बोर्ड के सचिव?

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) के सचिव ने हाल ही में इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "कोविड-19 महामारी के कारण छात्रों की शिक्षा में आई रुकावटों को देखते हुए, बोर्ड ने यह अहम फैसला लिया है। हम चाहते हैं कि कोई भी छात्र शैक्षिक दृष्टिकोण से पीछे न रहे। इसलिए, प्रभावित छात्रों को अतिरिक्त अवसर दिए जा रहे हैं ताकि वे अपनी परीक्षा पूरी कर सकें और अपने शैक्षिक लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।"

और पढ़ें